जी हां, सुनकर आपको हैरत हो सकती है, लेकिन है यह पूरी तरह सच। धरती से करीब पांच हजार किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे मल्टी स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट रिसोर्स सैट-2 जैसे सैटेलाइट से आपके खेतों पर नजर रखी जा रही है। किसी हिस्से में किसी खेत से यदि धुआं उठा तो सैटेलाइट का हाई रिज्योल्यूशन कैमरा उसकी तस्वीर खींच लेगा और उसे सही ठिकाने तक भेज देगा।
जान लें कि इसकी निगरानी का जिम्मा प्रदूषण नियंत्रण विभाग को सौंपा गया है। वैसे जिलाधिकारी अमन समीर खुद भी किसानों को जागरूक करने की दिशा में लगे हुए हैं। कई विभागों को इसके लिए लगाया गया है। किसानों को फसल अवशेष जलाने से मना किया जा रहा है। बावजूद कोई ऐसा करता है, तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
सैटेलाइट कुछ इस तरह भेजता है संदेश
धरती से करीब पांच हजार किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में चक्कर काट रहा सैटेलाइट अक्षांश और देशांतर के माध्यम से यह संदेश देता है कि किस जिले में कहां धुआं उठ रहा है। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण विभाग उसे संबंधित जिले के आईटी सेल को भेज देता है। फिर उसी अक्षांश और देशांतर के माध्यम से संबंंिधत कर्मी अपने मोबाइल एप के जरिए सही लोकेशन की जानकारी ले लेता है और वहां पहुंच जाता है। यानी, जिले में कहीं भी किसी ने भी अपने खेत में पराली जलाई, तो इसकी खबर विभाग को मिल जाएगी।
दोषी किसानों का रद्द होगा रजिस्ट्रेशन
अगर किसी खेत में किसी किसान के द्वारा फसल अवशेष जलाया जाता है तो उस किसान का रजिस्ट्रेशन सबसे पहले रद्द कर दिया जाएगा। वे सरकारी क्रय केंद्र पर धान भी नहीं बेच पाएंगे। इसके बाद उसके खिलाफ अन्य कार्रवाई भी हो सकती है। जिला कृषि पदाधिकारी मनोज की मानें तो किसान पर तो कार्रवाई होगी ही, उस हार्वेस्टर को भी जब्त किया जाएगा, जिसके द्वारा संबंधित किसान के खेत में धान की कटाई की गई होगी। उनके मुताबिक इसके लिए हार्वेस्टर भी कम जिम्मेवार नहीं हैं।