अहिरौली में माता अहिल्या के दर्शन-पूजन के बाद श्रद्धालु अगले दिन, 25 नवंबर को ब्रह्मर्षि नारद के आश्रम नदांव पहुंचेंगे। 26 नवंबर को यात्रा का तीसरा पड़ाव होगा भार्गव ऋषि का आश्रम भभुअर और 27 नवंबर को श्रद्धालुओं का जत्था चौथे पड़ाव उद्वालक ऋषि के आश्रम बड़का नुआंव पहुंचेगा। 28 नवंबर को पंचकोसी परिक्रमा यात्रा का पांचवां और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव बक्सर के चरित्रवन में होगा, जहां दूर-दराज से आए लाखों लोग लिट्टी-चोखा का प्रसाद बनाएंगे और सामूहिक रूप से ग्रहण करेंगे।
इस पड़ाव के बाद यात्रा समाप्त हो जाएगी। डाॅ ओझा ने बताया कि अगले रोज, 29 नवंबर को बक्सर के स्टेशन रोड स्थित बसांव मठ परिसर में साधु-संतों को प्रसाद व अंगवस्त्र देकर विदा किया जाएगा। हालांकि डाॅ ओझा ने यह भी कहा कि पंचकोसी परिक्रमा यात्रा के दौरान सभी लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी हर एहतियात बरतना जरूरी होगा।